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Fake News और Propeganda के जमाने में असली बात और खरी खबर दब जाती है। आज मेनस्ट्रीम मीडिया में जो बताया जाता है, वह पूरा सच नहीं। अगर आप सत्य जानना चाहते हैं और कड़वी सच्चाई का घूंट पीने को तैयार हैं तो मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। फेक न्यूज से परेशान हैं तो आइए यहां ! मैं बताऊंगा आपको। सच। जिसे बहुत सलीके से मीडिया छुपा देता है। यहां सिर्फ दिल की बात नहीं होगी, हमारी-आपकी, हमसब के मन की बात होगी।

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गोरखपुर : अल्लाह के आखिरी नबी हैं हजरत मुहम्मद - मुफ्तिया गाजिया || EN Daily ||

गोरखपुर : रविवार को अहमदनगर चक्शा हुसैन में मुस्लिम महिलाओं की संगोष्ठी हुई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत फिजा खातून ने की। नात-ए-पाक सना फातिमा ने पढ़ी।

मुख्य वक्ता मुफ्तिया गाजिया खानम अमजदी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह पाक के आखिरी नबी व रसूल हैं। आपके बाद अब कोई नया नबी, रसूल नहीं पैदा होगा। यह कुरआन व हदीस में स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है। यह फित्नों का दौर है। बहुत सारे झूठे और धोखेबाज किस्म के लोग मुसलमानों का अकीदा खराब करने की साजिश लिए नबी होने का झूठा दावा करते हैं या कुछ लोग ऐसे झूठे लोगों को नबी मानते हैं। ऐसे लोगों से बचने और अपने बच्चों को तमाम अहम दीनी अकीदों के साथ बचपन से यह भी शिक्षा देने की जरूरत है कि हम जिस नबी (हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के उम्मती हैं वह अल्लाह पाक के आखिरी नबी व रसूल हैं उनके बाद कोई नया नबी पैदा नहीं होगा। अपने बच्चों को यह शिक्षा देना हमारी बहुत अहम जिम्मेदारी है।

विशिष्ट वक्ता शिफा खातून ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम में तमाम नबियों पर ईमान लाने के साथ इस बात पर भी ईमान लाना जरूरी है कि पिछली शरीअतें खत्म हो चुकी हैं, लिहाजा दीन-ए-इस्लाम पर अमल करना दोनों जहां की कामयाबी के लिए जरूरी है। दीन-ए-इस्लाम में जिंदगी के लिए एक मुकम्मल निजाम है। दीन-ए-इस्लाम की एक खूबी यह भी है कि इस्लाम ने ईमानियात, इबादात, मुआमलात और मुआशरत में पूरी जिंदगी के लिए इस तरह रहनुमाई की है कि हर शख्स चौबीस घंटे की जिंदगी का एक-एक लम्हा अल्लाह की तालीमात के मुताबिक अपने नबी-ए-पाक हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के तरीके पर गुजार सके। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन व अमान की दुआ मांगी गई।

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