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Fake News और Propeganda के जमाने में असली बात और खरी खबर दब जाती है। आज मेनस्ट्रीम मीडिया में जो बताया जाता है, वह पूरा सच नहीं। अगर आप सत्य जानना चाहते हैं और कड़वी सच्चाई का घूंट पीने को तैयार हैं तो मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। फेक न्यूज से परेशान हैं तो आइए यहां ! मैं बताऊंगा आपको। सच। जिसे बहुत सलीके से मीडिया छुपा देता है। यहां सिर्फ दिल की बात नहीं होगी, हमारी-आपकी, हमसब के मन की बात होगी।

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गोरखपुर : व्यापारी से 6.50 लाख का साइबर फ्रॉड, परिचितों के व्हाट्सएप नंबर पर अश्लील फोटो भेजकर किया ब्लैकमेल || EN Daily ||

गोरखपुर : “मैं ऑनलाइन लोन एप का एजेंट बोला रहा हूं, अगर पैसा नहीं दिया तो पूरी फैमिली की अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दूंगा। बड़ी बदनामी होगी। तब मुझे कुछ मत कहना। समय से खाते में पैसे भेज देना वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहना, शाम तक प्रदेश ही नहीं देश में फेमस हो जाओगे...।"

गोरखपुर के व्यापारी को इस तरह ब्लैकमेल कर साइबर जालसाजों ने लाखों रुपये वसूल लिए।

गोरखपुर में व्यापारी से 6.50 लाख साइबर जालसाजी का मामला सामने आया है। व्यापारी की तहरीर पर साइबर अपराध थाने में ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले अज्ञात जालसाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ऑनलाइन लोन एप से कर्ज लेकर व्यापारी जालसाजों के चंगुल में फंसा।

कैंट थाना क्षेत्र के अहलदादपुर निवासी व्यापारी चित्रांश पाठक ने साइबर अपराध थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। व्यापारी ने बताया- मैं 11 मई 2025 को ऑनलाइन लोन एप कॉमेट रुपी डाउन लोड किया। इसके माध्यम से 5 हजार रुपये लोन लिया। फिर कुछ दिन बाद मैसेज कर 3487 रुपये की मांग की गई। इतने पैसे उनके दिए खाते में भेज दिए।

इसके बाद फिर कुछ दिन बाद 5000 रुपये की मांग की गई। इसको भी भेज दिया। मैंने कई लोन एप डाउनलोड कर कर्ज लिया था। एप डाउनलोड करते समय मेरे फोन का कांटेक्ट नंबर व गैलरी का एक्सेस लिया गया था। मैंने लोन की पूरी रकम अलग-अलग बैंक खातों में जमा कर दी गई। इसके बाद लोन एप के एजेंट बता रहे थे कि पेमेंट फेल हो गया है। यह कहकर फिर से पैसे जमा करने का कह रहे थे।

एजेंट ने भेजी फैमिली की अश्लील फोटो

कुछ नंबरों से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बोला कि वह लोन एप कंपनी का एजेंट बोल रहा हूं। अगर पैसे जमा नहीं किए तो पूरी फैमली की अश्लील फोटो वायरल कर दूंगा। इसके बाद मेरी फोटो किसी और के साथ जोड़कर परिचितों के व्हाट्सएप नंबर भेजने लगा। इससे मैं मानसिक रूप से परेशान हो गया। जालसाज बार-बार बोल रहे थे कि पैसे भेजने पर फोटो डिलीट कर दूंगा। जालसाजों के झांसे में आकर बदनामी से बचने के लिए 6.50 लाख रुपये जमा करा दिए। 11 मई से 21 अगस्त के बीच अलग-अलग खातों में पैसे जमा कराए हैं। इसके बाद भी जालसाज और पैसे की डिमांड करने लगे। तब जाकर मैंने साइबर क्राइम पोर्टल पर कंपलेन की।

इस संबंध में एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया-साइबर फ्रॉड रोकने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अंजान व्यक्तियों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बैंक खातों का डिटेल निकलवाया जा रहा है।

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