
राप्ती नदी किनारे गुरु गोरक्षघाट, रामघाट और एकला बांध की तरफ छठ पूजा होती है। बुधवार को दोपहर एक बजे एकला बांध के पास नदी किनारे हर तरफ लकड़ी से जमीन घेरी गई थी। आसपास के गांवों के लोगों ने छठ वेदी बनाने के लिए वहां कब्जा किया था। किसी घेरे में मुकेश तो किसी में राजू लिखा था। कई जगहों पर मोबाइल नंबर भी लिखा मिला।
पास में टहल रहे नौसड़ के रामू ने बताया कि करीब 10 दिन पहले से ही लोगों ने यहां छठ वेदी बनाने के लिए जमीन कब्जा ली है। कोई दूसरा वहां पर वेदी न बनाए इसके लिए लकड़ी से घेर भी दिया है। इसीलिए वहां पर नंबर भी लिखा है। एक नंबर पर कॉल करने पर विकास ने उठाया। पूछने पर बताया कि उसका पूरा परिवार राप्ती नदी किनारे छठ पर्व मनाता है। पड़ोस को लेकर करीब 50 लोग वहां जाते हैं। इसीलिए थोड़ी ज्यादा जगह चाहिए। पूजन के लिए जगह मांगने पर बताया कि यदि दो चार लोग होंगे तो उसी में जगह बन जाएगी। ज्यादा लोगों के लिए दूसरी जगह तलाश करनी होगी।
गोरक्षघाट और रामघाट पर सफाई
छठ महापर्व के लिए गुरु गोरक्षघाट और रामघाट पर भी सफाई जारी है। शहर की बड़ी आबादी यहां पर छठ पूजन करती है। कुछ लोगों ने इस तरफ भी वेदी के लिए जमीन को घेरा है लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर घाट बना हुआ है। इसलिए लोग दो-तीन दिन पहले केवल वेदी बनाकर चले जाते हैं। दूसरा कोई उस जगह पर नहीं आता।
करीब 350 स्थानों पर होगा छठ का आयोजन
छठ महापर्व के लिए नगर निगम की ओर से 80 वार्डों में करीब 350 से अधिक स्थानों पर व्यवस्था की जा रही है। सार्वजनिक अर्घ्य स्थलों की साफ-सफाई के बाद कृत्रिम तालाबों में पानी भरने, प्रकाश और पेयजल के इंतजाम किए जाएंगे। नगर निगम की ओर से गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर मंदिर, राप्ती तट पर श्रीराम घाट, गोरक्षघाट, महेसरा ताल, डोमिनगढ़, तकिया घाट, हनुमानगढ़ी घाट, एकला बांध समेत कई घाटों को सजाया जा रहा है। लोगों की सुविधा के लिए पेयजल, खोया-पाया केंद्र आदि की व्यवस्था भी की जाएगी।
अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा कि शहर में स्थित विभिन्न पार्काें में भी छठ पर्व के लिए अस्थाई पोखरे तैयार किए जा रहे हैं। ईको फ्रेंडली छठ मनाने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।

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