
गोरखपुर : आज होटल सागर रत्ना में गोरखपुर obs and Gynae सोसाइटी के द्वारा एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया । इस वर्कशॉप की शुरुआत महिलाओं में टीकाकरण से हुई। खासकर जो महिला गर्भ धारण करना चाहती हैं- गर्भधारण से पहले क्या क्या टीकाकरण हो जाने चाहिए इस पर डॉ रीना श्रीवास्तव ने विस्तारपुर व्याख्यान किया। HPV वैक्सीनेशन का टीकाकरण पूरा होना चाहिए। अगर एमएम आर वैक्सीन नहीं लगा है तो इसको देना जरूरी है। इन्फ्लुएंजा वैक्सीन लग सकता है। और कुछ कैचअप वैक्सीनेशन जैसे हेपेटाइटिस ए, हेपाटाइटिस बी, टाइफाइड ,वैरी सेला अगर पेशेंट प्रेग्नेंट है तब प्रेग्नेंसी के दौरान टीडी वैक्सीन और टीडैप वैक्सीन 27 से 36 वीक्स पे दिया जाता है। इसके अलावा इन्फ्लुएन्ज़ा अब जरूरत हो तो हेपेटाइटिस बी वैक्सीन भी दे सकते हैं ।अगर एमएमार वैक्सीन या वेरिसिला वैक्सीन पेशेंट को लगा है तो उसको 4 हफ्ते तक गर्भधारण नहीं करना चाहिए।
डॉ नीति डोगरा ने प्रेग्नेंसीके बाद और बड़ी आयु की महिलाओं में वैक्सीनेशन के बारे में बताया- जैसे न्युमो कोकल वैक्सीन और इन्फ्लुएंजा वैक्सीन और अगर हेपेटाइटिस एबी का नहीं लगा है तो ये वैक्सीन दिए जा सकते हैं। अगर टीकाकरण सही समय पर होता रहता है तो गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। खासकर उन मरीजों में जीनमें गंभीर बीमारी है जैसे अनकंट्रोल्ड डायबिटीज, लिवर या गुर्दे कि बीमारी, एचआइवी पेशेंट- इन पेशेंट में वैक्सीन अगर लग जाती है तो उतना गंभीर रूप नहीं लेती है। इसी संदर्भ में एक संयुक्त गोष्ठी भी हुई जिसमें डॉ॰ दीप्ति चतुर्वेदी डॉ॰ बबीता शुक्ला ,डॉ॰ कल्पना मल ,डॉ रितु श्रीवास्तव डॉक्टर प्रीति प्रियदर्शिनी ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए। उनके हिसाब से टीकाकरण बच्चों में ही नहीं बल्कि बड़े लोगों में भी समय समय पर होने से उनको सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी हेपेटाइटिस ए बी टाइफाइड वेरिसैला जैसी बीमारी से बचाया जा सकता है।
डॉ सविता अग्रवाल एवं डॉ अल्पना अग्रवाल ने इस कार्यशाला का आयोजन किया और इसमें दूसरी वर्कशॉप INFERTILITY की भी हुई जिसकी मुख्य स्पीकर मदुरई से इनफर्टिलिटी कमिटी की चेयरपर्सन डॉक्टर कल्पना थी और उन्होंने इन फर्टिलिटी पर अपने विचार व्यक्त किए। जिन कपल्स से में प्रेग्नेंसी नहीं रुक पा रही है और हमें आयुवाई करने की जरूरत पड़ती है तो उसके बारे में विस्तारपूर्वक बताया ।
डिफरेंट सीमन प्रिपरेशन तकनीक जैसे स्विम आप, सिंगल डेंसिटी डबल डेंसिटी और आधुनिक प्रक्रिया के वीडियो दिखाए गए और हैंडसॉन वर्कशॉप कराया गया नए। डॉक्टरों को ट्रेन किया गया। डॉ॰ शिखा सेठ जो कि एम्स की एचओडी हैं उन्होंने ovulation इंडक्शन पर विस्तारपूर्वक अपने विचार व्यक्त किए- अगर अंडे नहीं बन रहे हैं या कम बन रहे हैं तो हम लोग क्लोमीफिन, लेट्रेजोल और गोनार्डोट्रोपिन इंजेक्शन जैसी दवाओं से अंडे बनाकर मरीजों को गर्भधारण करने में सहायता कर सकते हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमृता सक्सेना ने vaginal इंफेक्शन के ऊपर विस्तारपूर्वक अपने विचार व्यक्त किए .।अगर किसी लेडी को बार-बार vaginal इन्फेक्शन हो रहा है और हम लोग इलाज नहीं करते हैं तो ये आगे चलकर भयंकर रूप धारण कर सकता है साथ में अगर ट्यूब। डैमेज हो गया या तो बच्चा रुकने में भी दिक्कत कर सकती है।
इंसारी वर्कशॉप में विभिन्न चेयरपर्सन रहे जैसे डॉक्टर राधा जीना, डॉक्टर मधुबाला, डॉक्टर मधु गुलाटी, डॉ प्रतिभा गुप्ता, डा अनुभा गुप्ता, डॉक्टर मीनाक्षी गुप्ता, डॉ तनु वर्मा, डॉक्टर दीप्ति चतुर्वेदी, डॉ रुमा सरकार, डॉ जयश्री मल्ल, डॉ कंचन लता पाण्डेय
न्यू ए आर टी कायदे कानून पर एक संयुक्त गोष्ठी डॉक्टर कल्पना द्वारा किया गया जिसमें भाग लिया डॉ सुर्हीता करीम, डॉ मधु गुलाटी, डॉ अल्पना अग्रवाल, डॉ शिखा मुखरिजा, डॉ शिखा टंडन, डॉ उपमा जायसवाल
इस कार्यशाला का सफल संचालन डॉ अल्पना अग्रवाल और डॉ बबिता शुक्ला ने संयुक्त रूप से किया गया, डॉ साधना गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किया और उन्हें सम्मानित भी किया गया
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